Wednesday, June 1, 2011

बाबा रामदेव अनशन करेंगे, सरकार से वार्ता भी

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ एक दौर की वार्ता के बाद भी योग गुरू बाबा रामदेव बुधवार को इस बात पर अडिग रहे कि भ्रष्टाचार एवं काले धन के खिलाफ अपना आमरण अनशन चार जून से शुरू करेंगे। मंत्रियों ने बाबा से मुलाकात कर उनसे अनशन वापस लेने की गुजारिश की थी। ज्ञात हो कि रामदेव के हवाईअड्डे पहुंचने पर उनसे बातचीच के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, संसदीय कार्यमंत्री पीके बंसल और पर्यटन मंत्री सुबोधकांत  सहाय पहुंचे थे।

गत अप्रैल में अन्ना हजारे ने भी दिल्ली में लोकपाल के मुद्दे पर आमरण अनशन किया था जिसे लोगों का काफी समर्थन मिला था। पहले से ही कई मोचोंü पर घिरी केंद्र सरकार दोबारा ऎसी सूरत का दोहराव नहीं चाहेगी। बाबा रामदेव को मनाने की कोशिशें इसी संदर्भ में देखी जा रही हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी बाबा रामदेव से आंदोलन वापस लेने के लिए कह चुके हैं जिसे रामदेव ने ठुकरा दिया था। अब तक तो उनके तेवर काफी क़डे रहे हैं लेकिन आज बाबा का सुर थो़डा बदला जरूर नजर आया। उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम लेकर आलोचना करने से मना कर दिया।
दिल्ली हवाईअड्डे पर रामदेव ने संवाददाताओं से कहा कि आंदोलन चार जून से दिल्ली के रामलीला मैदान से देश भर के 624 जिलों में शुरू होगा और पहले ही दिन एक करो़ड से अधिक लोग अनशन पर बैठेंगे और सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे।&द्दह्ल; रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही है और आगे कई दौर की बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही है और हम कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं लेकिन जब तक कि सभी मुद्दों पर पूरी तरह सहमति नहीं बन जाती सत्याग्रह जारी रहेगा। रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का उद्देश्य&द्दह्ल; किसी को धमकाना नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे मुद्दे सार्वजनिक एवं राष्ट्र्रीय महत्व के हैं और हमारी ल़डाई किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी की आलोचना करना नहीं है। योग गुरू ने कहा कि ल़डाई व्यवस्था बदलने के लिए है जो 64 साल पुरानी है। यह एक कठिन काम है लेकिन हम इसे करेंगे क्योंकि इस आंदोलन को करो़डों बहादुर लोगों का समर्थन प्राप्त है। रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का मुख्य मुद्दा काला धन और उसके बाद भ्रष्टाचार है।
एक सख्त और सक्षम लोकपाल विधेयक के अलावा उनकी मांग सार्वजनिक सेवा से जु़डे एक कानून की है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं पर लागू होगा। उन्होंने सरकार से विदेशी बैंकों में जमा काले धन को राष्ट्र्रीय सम्पत्ति घोषित करने का अनुरोध किया। योग गुरू ने कहा कि प्रत्येक राज्य में एक त्वरित अदालत होनी चाहिए। फैसला एक साल के भीतर होने के साथ ही दोषी को मौत की सजा देने का प्रावधान होना चाहिए। रामदेव ने कहा कि कर की चोरी करने वाले भारतीयों की विदेश यात्राओं की सरकार को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों में कर चोरी के पैसे छिपाने के लिए पिछले 20 वर्षो में विदेशों की यात्राएं करने वाले लोगों की सूची मैंने पेश की है। इन लोगों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करनी चाहिए। &द्दह्ल;&द्दह्ल;&द्दह्ल; इसके पहले सिब्बल ने कहा कि बातचीत के दौरान रामदेव ने अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि हमने अपराह्न् एक बजे के ठीक बाद बाबा रामदेव से मुलाकात की, बातचीत ढाई घंटे तक चली। बातचीत के दौरान स्वामी रामदेवजी ने बहुत ही महत्वपूर्ण कई राष्ट्र्रीय मुद्दे उठाए। हमने उनकी बातें सुनी। हमने भी प्रथमदृष्ट्या प्रतिक्रिया दी। हम आपस में मिलेंगे और अगले दो दिनों में हमारे बीच फिर बातचीत होगी। सिब्बल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम उठाए गए सभी मुद्दों से निपटेंगे। फिलहाल मेरा यही कहना है।

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