Sunday, June 26, 2011

अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे :- बाबा रामदेव

नयी दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने यूपीए सरकार पर हल्ला बोलते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ वह अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कालेधन को राष्ट्रसंपत्ति घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को अपनी आय का खुलासा करना चाहिए। लोकपाल बिल के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सांसदों को भी इसके दायरे में लाना चाहिए। बाबा रामदेव ने कहा कि वह किसी पार्टी के मुखौटे नहीं हैं, वह मात्र जनता के मुखौटे हैं। सरकार पर निशाना साधते हुए योग गुरु ने कहा कि सरकार सच्चाई को दबाने का प्रयास कर रही है। जो लोग कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हे कुचलने का काम किया जा रहा है। सरकार भ्रष्टाचारी होने के साथ अब अत्याचारी हो गई है।


अस्पताल में राजबाला से मिले बाबा
इससे पहले राजधानी में चार और पांच जून की रात को रामलीला मैदान से सत्याग्रहियों को हटाने के लिए पुलिस की कार्रवाई में बुरी तरह घायल हुई अपनी समर्थक राजाबाला से मिलने के लिए बाबा रामदेव आज दिल्ली पहुंचे। रामलीला मैदान से हटाये जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने बाबा रामदेव के दिल्ली आने पर 15 दिन तक रोक लगाई हुई थी।


बाबा रामदेव को दिल्ली आने से रोका नहीं गया किंतु उनकी गतिविधि पर पैनी निगाह रखी गई। पुलिस कार्रवाई में बुरी तरह घायल हुई 50 वर्षीय राजाबाला का दिल्ली के जी बी पंत में इलाज चल रहा है। राजाबाला की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी है।

Saturday, June 4, 2011

सरकार ने बाबा की मानी मांग, पोल भी खोली, रामदेव ने इसे बताया विश्वासघात

रामलीला मैदान से शेखरघोष की लाइव रिपोर्ट 

नई दिल्ली. केंद्र सरकार और बाबा रामदेव के बीच एक फिर से वाक युद्ध शुरू हो गया। केंद्र सरकार ने बाबा रामदेव के एक पत्र को दिखाकर खुलासा किया है कि बाबा के साथ उनका पहले ही समझौता हो चुका है। तो बाबा ने इसे विश्वासघात का नाम दिया है।

सरकार का वार

केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि बाबा रामदेव और सरकार के बीच पहले ही सहमति बन गई थी। लेकिन बाबा को कुछ गलतफहमी हो गई। लेकिन सरकार बाबा रामदेव की उस मांग को मानने के लिए तैयार हो गई है जिसमें काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की मांग की गई है। इसके लिए कानून में बदलाव लाया जाएगा। सिब्बल ने कहा कि बाबा को लिखित सहमति भेजी जा रही है। दूसरी ओर, उम्मीद की जा रही है कि सरकार के द्वारा मांग मान लेने के बाद अब बाबा रामदेव आंदोलन समाप्त कर सकते हैं। सिब्बल ने बाबा रामदेव के एक सहमति पत्र दिखाते हुए कहा कि बाबा ने कल ही चार जून को अनशन तोड़ने का लिखित सहमति पत्र दिया था। इसमें कथित तौर पर बाबा ने चार तारीख से लेकर छह तारीख तक अनशन नहीं सिर्फ तप करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन बाबा को कुछ गलतफहमी हो गई थी।

बाबा ने कहा, ये तो विश्वासघात है 

पत्र के जवाब में रामदेव ने कहा कि केंद्र सरकार जो पत्र दिखा रही है, वह लिखा नहीं गया बल्कि लिखवाया गया है। मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को देने के लिए यह पत्र लिखवाया गया था। अब जो केंद्र सरकार कर रही है वह धोखा और विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि अब फोन पर कोई बातचीत नहीं होगी। रामदेव ने एक बार फिर कहा है कि यदि सरकार लिखित में आश्वासन देती है तो वह आंदोलन समाप्त कर सकते हैं।

बाबा ने कहा, राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करे काले धन को

सिब्बल की प्रेसवात्र्ता के पहले बाबा रामदेव ने शनिवार की शाम रामलीला मैदान में ऐलान किया था कि काले धन के मामले पर अगर सरकार कार्रवाई करती है और उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करती है तो मैं सौ करोड़ भारतवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करूंगा। अगर सरकार यह ऐलान कर दे तो कल ही अपना अनशन समाप्त कर देंगे। लेकिन मुझे इस पर कमेटी नहीं कार्रवाई चाहिए। हम यहां भूखा मरने के लिए न ही किसी को मारने के लिए बैठे हैं। हम देश के लिए बैठे हैं। सरकार कोई भी सकारात्मक कदम उठाती है तो मैंने उसका स्वागत किया है और आगे भी करूंगा।

दोपहर में कुछ घंटों के ब्रेक के बाद शाम को मंच पर लौटे रामदेव ने अपनी मांग को जायज ठहराते हुए पंडाल में मौजूद लोगों से सवाल किया था कि क्या भ्रष्टाचारियों के लिए फांसी की सज़ा की मांग करना गलत है? क्या तकनीकी कॉलेजों में हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में पाठ्यRम की मांग करना गलत है? मैं मरने से डरता तो आज रामलीला मैदान में नहीं बैठा होता। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से बातचीत सौ फीसदी सकारात्मक रही है। हम यहां देश का हक मांगने आएं हैं। हम किसी से भीख मांगने नहीं आएं हैं। हम किसी से किसी का हक नहीं छीनने आएं हैं। बल्कि हम 120 करोड़ भारतीयों का हक मांगने आए हैं और उसे लेकर रहेंगे। बाबा रामदेव ने पूछा, क्या इस देश का किसान अकुशल मजदूर है? क्या विश्वविद्यालयों में पढ़कर किसान तैयार होंगे? किसान को कुशल मजूदर मानिए। क्या हमारी ये मांगें गलत हैं?

बाबा भ्रष्‍टाचार और काले धन के खिलाफ आज सुबह से अनशन पर हैं। दोपहर में खबरें आईं कि केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि सरकार ने बाबा रामदेव की 99 फीसदी मांगें मान ली हैं। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाबा रामदेव को व्यवहारिक होकर यह समझना चाहिए कि सरकार संविधान के दायरे में ही रहकर काम करती है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार ने बाबा रामदेव को एक एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) सौंपा है और उन्हें अब बाबा रामदेव के जवाब का इंतजार है। एटीआर में सबसे Êयादा आपत्ति भ्रष्टाचारियों के लिए सजा-ए-मौत की मांग को लेकर जताई गई है और यह भी कहा गया है कि बाबा रामदेव की सभी मांगें एक समयसीमा के भीतर मानना मुश्किल है। वहीं, बाबा का कहना है कि सरकार चाहे तो संविधान में बदलाव करे, लेकिन हम अपनी मांगें छोड़ने को तैयार नहीं हैं।



उधर, बाबा रामदेव का सत्याग्रह पहले ही दिन विवादों में घिरता नज़र आ रहा है। अब तक सत्याग्रह को समर्थन दे रही अन्ना हजारे की टीम ने शनिवार को सत्याग्रह में साध्वी ऋतंभरा के शामिल होने पर ऐतराज जताया है। अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा है कि बाबा रामदेव के अनशन में शामिल होने पर फैसला कल किया जाएगा। हजारे के सहयोगी समाजसेवी स्वामी अग्निवेश ने शनिवार को कहा कि साध्वी ऋतंभरा का इतिहास सांप्रदायिक रहा है और वे भीड़ को भड़काने वाली हैं। ऐसे में अन्‍ना को अनशन में शामिल होने पर दोबारा सोचना चाहिए।



(तस्वीर : रामलीला मैदान में सत्याग्रह के दौरान मंच पर मौजूद बाबा रामदेव व अन्य संत)

Wednesday, June 1, 2011

रंग ला रहा है काले धन पर अंकुश लगाने का अभियान

कालेधन के मुद्दे पर योग गुरू बाबा रामदेव की 4 जून से भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बीच बेहिसाब धन का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के सुखद परिणाम आने शुरू हो गए हैं.
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने पिछले दो वित्त वर्ष में 18,750 करोड़ रुपये के बेहिसाब आय का पता लगाया है और सीमा पार लेनदेन पर निगरानी बढ़ाकर कर के रूप में अतिरिक्त 22,697 करोड़ रुपये संग्रह किए हैं.


उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार ने 33,784 करोड़ रुपये के करीब वस्तुओं के मूल्यों में गड़बड़ी का पता लगाया है. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष रणनीति अपनाए जाने की वजह से कालेधन पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की जा सकी है.
इस रणनीति में धन का अन्य देशों को हस्तांतरण, सीमा पार लेनदेन पर विशेष ध्यान देकर कर की बेहतर वसूली, देश में कालेधन का पता लगाना और विदेशी न्यायक्षेत्र से सूचनाओं का प्रवाह बढ़ाना शामिल है.
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने कर चोरी और मनी लांडरिंग के संबंध में विभिन्न देशों से सूचनाओं के 7,704 दस्तावेज एकत्र किए हैं.

PM meets cabinet colleagues on Ramdev issue (31-05-2011)


NEW DELHI: Prime Minister Manmohan Singh tonight held a meeting with his cabinet colleagues who had earlier tried to persuade yoga guru Baba Ramdev to withdraw his call for an indefinite fast from June 4.

Finance Minister Pranab Mukherjee , Home Minister P Chidambaram and HRD Minister Kapil Sibal briefed Singh on their discussions with Ramdev during the meeting that lasted over an hour.

The leaders are also understood to have discussed the yoga guru's proposals and ways to defuse the situation.

Cabinet Secretary K M Chandraseker and Principal Secretary to the PM T K A Nair were also present in the meeting in which Singh was briefed about the parleys held Ramdev.

The government's efforts to prevent a repeat of a situation that unfolded when Anna Hazare-led civil society mounted a campaign for a strong Lokpal in April appeared to have not yielded immediate fruits as Ramdev insisted on "action" rather than "assurances" on the issue of bringing back black money stashed abroad.

Sources said that Tourism Minister Subodh Kant Sahay, who was among the ministers who met Ramdev today, will play a key role in persuading the yoga guru to call off his protest.

Sahay was in the US leading a delegation of his ministry when he was roped in by Prime Minister Manmohan Singh to join the efforts to make the yoga guru call off his protest.

In the two-hour long meeting with Union ministers, Ramdev is learnt to have demand the constitution of a special committee on bringing back black money and making public the names of those who have stashed their ill-gotten money abroad.

Besides the issue of black money, the yoga guru also raised the issue of acquisition of farm lands by government and uniformity in wages of workers, they sai

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपनाएगा बाबा रामदेव का नुस्खा!


बाबा रामदेव द्वारा कालेधन के मुद्दे पर व्यापाक आंदोलन और भूख हड़ताल करने की तैयारियों के बीच आयकर विभाग ने यह कहा है कि वो काले धन का पता लगाने के लिए बाबा द्वारा तैयार किए गए सुझावों पर विचार विमर्श करने के लिए तैयार है।



इस सिलसिले में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी के चेयरमैन सुधीर चन्द्रा ने कहा कि रामदेव जी के सुझाव रचनात्मक हैं और इन पर सरकार द्वारा विचार किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि इस सिलसिले में सीबीडीटी के चेयरमैन की बाबा रामदेव के साथ बातचीत भी हो चुकी है। इस बारे में चंद्रा ने बताया है कि उनके साथ हुई बातचीत से रामदेव बाबा संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान बाबा को पिछले दो साल के दौरान कालेधन का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी गई।


इस बीच आपको यह भी बता दें कि बाबा रामदेव ने कालेधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 4 जून से भूख हड़ताल करने की बात कही है।

बाबा रामदेव अनशन करेंगे, सरकार से वार्ता भी

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ एक दौर की वार्ता के बाद भी योग गुरू बाबा रामदेव बुधवार को इस बात पर अडिग रहे कि भ्रष्टाचार एवं काले धन के खिलाफ अपना आमरण अनशन चार जून से शुरू करेंगे। मंत्रियों ने बाबा से मुलाकात कर उनसे अनशन वापस लेने की गुजारिश की थी। ज्ञात हो कि रामदेव के हवाईअड्डे पहुंचने पर उनसे बातचीच के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, संसदीय कार्यमंत्री पीके बंसल और पर्यटन मंत्री सुबोधकांत  सहाय पहुंचे थे।

गत अप्रैल में अन्ना हजारे ने भी दिल्ली में लोकपाल के मुद्दे पर आमरण अनशन किया था जिसे लोगों का काफी समर्थन मिला था। पहले से ही कई मोचोंü पर घिरी केंद्र सरकार दोबारा ऎसी सूरत का दोहराव नहीं चाहेगी। बाबा रामदेव को मनाने की कोशिशें इसी संदर्भ में देखी जा रही हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी बाबा रामदेव से आंदोलन वापस लेने के लिए कह चुके हैं जिसे रामदेव ने ठुकरा दिया था। अब तक तो उनके तेवर काफी क़डे रहे हैं लेकिन आज बाबा का सुर थो़डा बदला जरूर नजर आया। उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम लेकर आलोचना करने से मना कर दिया।
दिल्ली हवाईअड्डे पर रामदेव ने संवाददाताओं से कहा कि आंदोलन चार जून से दिल्ली के रामलीला मैदान से देश भर के 624 जिलों में शुरू होगा और पहले ही दिन एक करो़ड से अधिक लोग अनशन पर बैठेंगे और सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे।&द्दह्ल; रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही है और आगे कई दौर की बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही है और हम कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं लेकिन जब तक कि सभी मुद्दों पर पूरी तरह सहमति नहीं बन जाती सत्याग्रह जारी रहेगा। रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का उद्देश्य&द्दह्ल; किसी को धमकाना नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे मुद्दे सार्वजनिक एवं राष्ट्र्रीय महत्व के हैं और हमारी ल़डाई किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी की आलोचना करना नहीं है। योग गुरू ने कहा कि ल़डाई व्यवस्था बदलने के लिए है जो 64 साल पुरानी है। यह एक कठिन काम है लेकिन हम इसे करेंगे क्योंकि इस आंदोलन को करो़डों बहादुर लोगों का समर्थन प्राप्त है। रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का मुख्य मुद्दा काला धन और उसके बाद भ्रष्टाचार है।
एक सख्त और सक्षम लोकपाल विधेयक के अलावा उनकी मांग सार्वजनिक सेवा से जु़डे एक कानून की है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं पर लागू होगा। उन्होंने सरकार से विदेशी बैंकों में जमा काले धन को राष्ट्र्रीय सम्पत्ति घोषित करने का अनुरोध किया। योग गुरू ने कहा कि प्रत्येक राज्य में एक त्वरित अदालत होनी चाहिए। फैसला एक साल के भीतर होने के साथ ही दोषी को मौत की सजा देने का प्रावधान होना चाहिए। रामदेव ने कहा कि कर की चोरी करने वाले भारतीयों की विदेश यात्राओं की सरकार को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों में कर चोरी के पैसे छिपाने के लिए पिछले 20 वर्षो में विदेशों की यात्राएं करने वाले लोगों की सूची मैंने पेश की है। इन लोगों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करनी चाहिए। &द्दह्ल;&द्दह्ल;&द्दह्ल; इसके पहले सिब्बल ने कहा कि बातचीत के दौरान रामदेव ने अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि हमने अपराह्न् एक बजे के ठीक बाद बाबा रामदेव से मुलाकात की, बातचीत ढाई घंटे तक चली। बातचीत के दौरान स्वामी रामदेवजी ने बहुत ही महत्वपूर्ण कई राष्ट्र्रीय मुद्दे उठाए। हमने उनकी बातें सुनी। हमने भी प्रथमदृष्ट्या प्रतिक्रिया दी। हम आपस में मिलेंगे और अगले दो दिनों में हमारे बीच फिर बातचीत होगी। सिब्बल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम उठाए गए सभी मुद्दों से निपटेंगे। फिलहाल मेरा यही कहना है।

बाबा रामदेव ने सरकार का अनुरोध ठुकराया, अनशन पर डटे

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रियों की गुजारिश के बावजूद योग गुरु बाबा रामदेव बुधवार को चार जून से प्रस्तावित अपने आमरण अनशन पर अड़े रहे। वहीं, गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने रामदेव को अपना समर्थन दिया है।

धार्मिक नगरी उज्जैन से नई दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचे योग गुरु का केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी उनके सहयोगी मंत्री कपिल सिब्बल, सुबोधकांत सहाय और पवन कुमार बंसल ने गर्मजोशी से स्वागत किया और योग गुरु से अनशन स्थगित करने के लिए उनसे करीब ढाई घंटे तक बातचीत की।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा है कि योग गुरु से सरकार आगे भी बातचीत करेगी।

केंद्रीय मंत्रियों के अनुरोध पर रामदेव टस से मस नहीं हुए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में उनका अनशन चार जून से शुरू होगा।

सरकार के अनशन पर न जाने के अनुरोध को योग गुरु द्वारा ठुकराए जाने के बाद चिदम्बरम ने पत्रकारों से कहा, "मुझे बताया गया है कि रामदेव और सरकार के केंद्रीय मंत्री तीन जून को दोबारा वार्ता करने के लिए सहमत हो गए हैं।"

वहीं कुछ अधिकारियों का मानना है कि रामदेव के साथ बातचीत उनमें और अन्ना हजारे की टीम में मतभेद उत्पन्न कर सकती है। इस बात के संकेत भी मिले हैं। योग गुरु का कहना है कि इस बात की क्या गारंटी है कि लोकपाल नियुक्त होने वाला व्यक्ति भ्रष्ट नहीं होगा।

इस बीच रामदेव ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाता है तो वह इसके खिलाफ नहीं हैं।

दिल्ली हवाईअड्डे पर रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, "आंदोलन चार जून से दिल्ली के रामलीला मैदान से देश भर के 624 जिलों में शुरू होगा और पहले ही दिन एक करोड़ से अधिक लोग अनशन पर बैठेंगे और सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे।'

रामदेव ने कहा कि सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत 'सकारात्मक' रही है और आगे कई दौर की बातचीत होगी।

उन्होंने कहा, "पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही है और हम कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं लेकिन जब तक कि सभी मुद्दों पर पूरी तरह सहमति नहीं बन जाती सत्याग्रह जारी रहेगा।"

रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का उद्देश्य 'किसी को धमकाना नहीं है।' उन्होंने कहा, "हमारे मुद्दे सार्वजनिक एवं राष्ट्रीय महत्व के हैं और हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति अथवा पार्टी के खिलाफ नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी की आलोचना करना नहीं है।"

योग गुरु ने कहा, "लड़ाई व्यवस्था बदलने के लिए है जो 64 साल पुरानी है। यह एक कठिन काम है लेकिन हम इसे करेंगे क्योंकि इस आंदोलन को करोड़ों बहादुर लोगों का समर्थन प्राप्त है।"

रामदेव ने कहा कि उनके अभियान का मुख्य मुद्दा काला धन और उसके बाद भ्रष्टाचार है। एक सख्त और सक्षम लोकपाल विधेयक के अलावा उनकी मांग सार्वजनिक सेवा से जुड़े एक कानून की है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं पर लागू होगा।

उन्होंने सरकार से विदेशी बैंकों में जमा काले धन को 'राष्ट्रीय सम्पत्ति' घोषित करने का अनुरोध किया। योग गुरु ने कहा, "प्रत्येक राज्य में एक त्वरित अदालत होनी चाहिए। फैसला एक साल के भीतर होने के साथ ही दोषी को मौत की सजा देने का प्रावधान होना चाहिए।"

रामदेव ने कहा कि कर की चोरी करने वाले भारतीयों की विदेश यात्राओं की सरकार को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "बैंकों में कर चोरी के पैसे छिपाने के लिए पिछले 20 वर्षो में विदेशों की यात्राएं करने वाले लोगों की सूची मैंने पेश की है। इन लोगों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करनी चाहिए।"

इसके पहले सिब्बल ने कहा कि बातचीत के दौरान रामदेव ने 'अत्यंत महत्वपूर्ण' मुद्दों को उठाया।

उन्होंने कहा, "हमने अपराह्न् एक बजे के ठीक बाद बाबा रामदेव से मुलाकात की.. बातचीत ढाई घंटे तक चली। बातचीत के दौरान स्वामी रामदेवजी ने बहुत ही महत्वपूर्ण कई राष्ट्रीय मुद्दे उठाए। हमने उनकी बातें सुनी। हमने भी प्रथम दृष्टया प्रतिक्रिया दी। हम आपस में मिलेंगे और अगले दो दिनों में हमारे बीच फिर बातचीत होगी।"

सिब्बल ने कहा, "मुझे विश्वास है कि एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम उठाए गए सभी मुद्दों से निपटेंगे। फिलहाल मेरा यही कहना है।"

एक सख्त लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने के लिए गठित संयुक्त मसौदा समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण ने पांच जून को होने वाली राष्ट्रीय चर्चा में सरकार को हिस्से लेने का अनुरोध किया है। भूषण ने इसके लिए समिति के अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा है।

इसके पहले समिति की हुई बैठक में विधेयक में शामिल छह महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई। इनमें प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को विधेयक के दायरे में लाने पर सरकार को आपत्ति है।